राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण का उत्सव राम विवाह के दिन फहराया जाएगा ध्वज

मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण का उत्सव में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति हो सकते है शामिल

लखनऊ । रामलला की प्राण प्रतिष्ठा व प्रतिष्ठा द्वादशी के बाद अब राम मंदिर निर्माण की पूर्णता पर भव्य कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी हो रही है। इसे ध्वजारोहण उत्सव का नाम दिया गया है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने लगभग तय कर लिया है कि यह उत्सव भी प्रतिष्ठा द्वादशी जैसा ही तीन दिनी होगा। कार्यक्रम में 23 नवंबर से पूजन का क्रम शुरू होगा, जो 25 नवंबर को राम विवाह (विवाह पंचमी) तक चलेगा। इसी दिन देश के अति विशिष्टजन की उपस्थिति के मध्य मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हो सकते हैं।

राम मंदिर के मुख्य शिखर के अलावा पांच उपशिखरों व अन्य मंदिरों के शिखर पर भी ध्वजारोहण किया जाएगा। उधर, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अतिथियों की सूची तैयार कराना प्रारंभ कर दिया है। गत कुछ दिनों से अतिथियों के नाम तय हो रहे हैं। शुक्रवार को भी इसको लेकर ट्रस्ट के पदाधिकारियों और विद्वान आचार्यों के मध्य अहम बैठक हुई। इसी में तीन दिनी कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस पूरे कार्यक्रम का प्रारूप तैयार किया जा रहा है।

सुगम दर्शन के लिए जन्मभूमि परिसर से पत्थर हटने प्रारंभ
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जन्मभूमि परिसर का समतलीकरण शुरू करा दिया है। यत्र-तत्र पड़े पत्थर के टुकड़ों को एकत्रित करा कर सुरक्षित स्थान पर रखवाया जा रहा है। इसके साथ मिट्टी को समतल किया जा रहा है। इसके बाद फर्श का निर्माण होगा। ट्रस्ट का प्रयास है कि परकोटे के पूरक मंदिरों में दर्शन प्रारंभ किए जाने से पूर्व सारी तैयारी पूरी कर ली जाए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

भक्तों के आवागमन के लिए मार्ग व कारिडोर भी बनने लगा है।राम मंदिर सहित पूरक मंदिरों व परकोटे का निर्माण जारी रहने के कारण जन्मभूमि परिसर में अवशेष पत्थर, इनकी कटिंग व शटरिंग के सामान आदि बिखरे हैं। ट्रस्ट का प्रयास है कि दर्शन प्रारंभ किए जाने से पहले फर्श व मार्ग निर्माण हो जाए।

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